देश-विदेश

दुनिया में कोरोना का खतरा: 5.86 लाख नए केस, चीन में दर्द-बुखार की दवाओं के लिए फैक्ट्रियों तक कतारें

चीन में कोरोना से लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लोग दवा कंपनियों की फैक्ट्रियों के बाहर लाइनें लगाकर खड़े हैं। जुहाई शहर का एक वीडिया सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें लोग बुखार और दर्द जैसी मामूली दवाईयां खरीदने के लंबी कतारों में खड़े हुए देखे जा सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के सभी मेडिकल स्टोर से ब्रुफेन और बुखार की कई और दवाईयों की कमी हो गई है।

इसी बीच भारत ने कोरोना के इलाज में काम आने वाली पैरासीटामॉल, एमोक्सीसिलिन और रेबेपैराजोल जैसी दवाओं की कीमतों को कम करने का फैसला किया है। कोरोना का खतरा अब सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है। बल्कि दुनियाभर में इसके मामले बढ़ रहे हैं। Worldometers.info के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में पूरी दुनिया में कोरोना के 5,86,296 नए मामले सामने आए हैं। चीन के सिचुआन इलाके में अस्पताल में भारी भीड़ है। इसी बीच डॉक्टर जमीन पर पड़े एक मरीज को बचाने की कोशिश कर रहा है।

दुनिया भर में कोरोना से जुड़े अपडेट्स

  • भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी चीन के अलावा कई देशों में फैल रहे कोरोना को गंभीर बताया है। संसद में उन्होंने कहा कि जापान, साउथ कोरिया, US, फ्रांस जैसे देशों में कोविड से मौतों की संख्या बढ़ी है। नए वैरिएंट से चुनौती बढ़ी, हर प्रॉटोकॉल का पालन करना जरूरी है।​​​​​​​
  • चीन के अस्पतालों में खून की कमी भी देखी जा रही है। ग्वांगझोउ शहर इस कमी को पूरा करने के लिए एक दिन में 1,200 ब्लड डोनर्स की जरूरत है।
  • कोरोना वर्ल्ड स्पीडोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, US में बीते 24 घंटे में 326, फ्रांस में 127, ब्राजील में 197, साउथ कोरिया में 59, जापान में 296, रूस में 59 मौतें दर्ज की गई हैं।
  • जर्मनी ने बुधवार को बर्लिन से बायोएनटेक कोविड वैक्सीन की पहली खेप चीन भेजी है। ये वैक्सीन पहले चीन में रह रहे 20 हजार जर्मन प्रवासियों को लगाई जाएगी।
  • अब जापान, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। Worldometers.info के डेटा के मुताबिक, इन देशों में मरीजों की संख्या 10 लाख 65 हजार, 4 लाख 61 हजार और 3 लाख 58 हजार है।
एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।
एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

कोरोना के अंत की घोषणा करना होगी जल्दबाजी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि कोरोना के वैश्विक अंत की घोषणा करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। यानी कोरोना अब भी ग्लोबल इमरजेंसी बना रहेगा। WHO ने ये बात चीन में लॉकडाउन हटने के बाद बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए कही है। WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा- चीन में स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। चीन को वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी चाहिए| WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन कोरोना संकट के बीच चीन की हर तरह से मदद करेगा।

चीन से कोविड डेटा भी मांगा
15 दिसंबर को WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि 2023 में कोरोना ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था- हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल हम ये कह सकें की कोरोना का खतरा कम हो गया है और ये हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।

उन्होंने चीन से कोरोना वायरस को लेकर डेटा शेयर करने के लिए भी कहा था। WHO ने एक बयान में कहा- कोरोना को बेहतर ढंग से समझने के लिए और इसके ओरिजन से जुड़ी जानकारी के लिए चीन से डेटा मांगा गया है। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।
चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

फ्रांस में हालात बिगड़े, एक दिन में 57 हजार मामले मिले
फ्रांस में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 16 दिसंबर को यहां 57,849 मामले सामने आए थे। सरकार लोगों से मास्क लगाने की अपील कर रही है। लोगों को बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी जा रही है। इधर, साउथ कोरिया में 20 दिसंबर को 87,759 मामले सामने आए थे। 56 लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिका में नया खतरा
अमेरिका में भी एक बार फिर कोविड केस बढ़ने लगे हैं। बुधवार को कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार हो गया। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सबसे बड़ी फिक्र बुजुर्गों का वैक्सीनेशन है।

रिपोर्ट के मुताबिक- 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के 94% सीनियर सिटिजन्स ने शुरुआती दो वैक्सीन डोज लिए हैं। चिंता की बात यह है कि 36% बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्होंने बूस्टर शॉट नहीं लगवाए और नई लहर में इन्हें खतरा माना जा रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार के पास इस दिक्कत से निपटने का कोई पुख्ता प्लान भी नहीं है। दिक्कत इसलिए भी है क्योंकि 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा कम उम्र के लोगों से चार गुना ज्यादा रहा है।

मौतों के मामले में भी बुजुर्गों की तादाद कम उम्र के लोगों की तुलना में काफी ज्यादा रही है।
मौतों के मामले में भी बुजुर्गों की तादाद कम उम्र के लोगों की तुलना में काफी ज्यादा रही है।

चीन सरकार ने संक्रमितों से कहा- काम पर लौटो
चीन में गंभीर हालात को देखने के बाद भी शी जिनपिंग लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। देश को अनलॉक करने के लिए चीन 3 साल पुरानी जीरो कोविड नीति को भी छोड़ चुका है। लोगों को बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है। ये मौसमी फ्लू जैसा ही है।

अधिकारियों का मानना है कि वायरस भले ही फैले लेकिन इकोनॉमिक ग्रोथ रुकना नहीं चाहिए। वो चाहते है कि मैन्यूफैक्चरिंग और फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन न रुके। इसलिए वर्कर्स से कहा जा रहा है कि भले ही वे संक्रमित हों, उन्हें काम पर लौटना चाहिए।

सरकार एडवाइजरी जारी करते हुए कह रही है कि कोरोना का खतरा न के बराबर है। अगर किसी को कोरोना हो भी जाता है तो वो घर में आइसोलेशन में रह सकते हैं।
सरकार एडवाइजरी जारी करते हुए कह रही है कि कोरोना का खतरा न के बराबर है। अगर किसी को कोरोना हो भी जाता है तो वो घर में आइसोलेशन में रह सकते हैं।

चीन में ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने बढ़ाया खतरा
चीन में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 फैल रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।

छगन साहू

प्रधान संपादक, इंडिया न्यूज़ 24

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